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  • A Tomar
  • July 30, 2025

Today’s Intuition

Today’s Intuition

युधिष्ठिर का जीवन हमें सिखाता है कि सत्य का पालन करना सरल नहीं होता, लेकिन यही जीवन को अर्थ देता है। उन्होंने कभी भी झूठ का सहारा नहीं लिया, यहां तक कि जब उनका अपना परिवार, राज्य और सम्मान दांव पर था। जब द्रौपदी को जुए में हार गए, जब वनवास मिला, जब अपमान सहना पड़ा तो उन्होंने क्रोध या प्रतिशोध नहीं चुना, बल्कि धर्म को अपनी ढाल बनाए रखा। वेदांत कहता है – जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। युधिष्ठिर का धर्म के प्रति यह विश्वास उन्हें साधारण राजा से एक आध्यात्मिक नेता बनाता है। वे जानते थे कि क्षणिक लाभ के लिए यदि सत्य छोड़ देते, तो अंततः वे सब कुछ खो देते।




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